हिंदू धर्म में भगवान विष्णु को धरती का पालनहार माना जाता है। यूं तो लगभग भारत के हर कोने में उनके मंदिर और मूर्तियां हैं, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया की सबसे ऊंची भगवान विष्णु की मूर्ति भारत में नहीं है। यह एक मुस्लिम देश में है। जी हां, इस देश का नाम है इंडोनेशिया। यह मूर्ति इतनी विशाल और इतनी ऊंचाई पर है कि आप देखकर ही हैरान हो जाएंगे। इसके अलावा एक और खास बात है कि इस मूर्ति को बनवाने में अरबों रुपये खर्च हुए थे। भगवान विष्णु की यह मूर्ति करीब 122 फुट ऊंची और 64 फुट चौड़ी है। इसका निर्माण तांबे और पीतल से किया गया है। इसे बनाने में 2-4 साल नहीं बल्कि करीब 26 साल का समय लगा है। साल 2018 में यह मूर्ति पूरी तरह बनकर तैयार हुई थी। अब इसे देखने और भगवान के दर्शन के लिए दुनियाभर से लोग आते हैं। इस मूर्ति के बनने की कहानी भी बड़ी ही दिलचस्प है। कहते हैं कि साल 1979 में इंडोनेशिया में रहने वाले मूर्तिकार बप्पा न्यूमन नुआर्ता ने एक विशालकाय मूर्ति बनाने का सपना देखा था। एक ऐसी मूर्ति, जिसे आज तक दुनिया में न बनाई गई हो। एक ऐसी मूर्ति, जिसे देखने वाला बस उसे देखता ही रह जाए। माना जाता है कि साल 1980 में एक कंपनी भी बनाई गई थी, जिसकी देखरेख में मूर्ति बनाने का सारा काम होता। हालांकि मूर्ति की संरचना कैसी हो और उसपर खर्च होने वाला पैसा कहां से आएगा, ये सब सोचने में ही कई साल गुजर गए। आखिरकार लंबी प्लानिंग के बाद मूर्ति बनाने का काम साल 1994 में शुरू हुआ। इसे बनाने में इंडोनेशिया की कई सरकारों ने मदद की। हालांकि कई बार बजट की कमी के चलते काम रूका भी। 2007 से 2013 तक मूर्ति बनाने का काम रूका रहा था, लेकिन उसके बाद जब इसका काम दोबारा शुरू हुआ तो फिर वो पूरा बनने के बाद ही रूका। बाली द्वीप के उंगासन में स्थित इस विशालकाय मूर्ति का निर्माण करने वाले मूर्तिकार बप्पा न्यूमन नुआर्ता को भारत में सम्मानित भी किया गया था। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद्मश्री पुरस्कार प्रदान किया था। आज इस मंदिर की ख्याति दुनियाभर में फैल चुकी थी। बड़ी संख्या में यहां हिंदू श्रद्धालु भगवान विष्णु की दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति देखने के लिए पहुंचते हैं।
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